तितली हो तुम जो सब को प्यारी लगा करती हो
अपने अंदाज से सब के दिल पर असर किया करती हो
जादू है तुम्हारी बातों में क्या इसलिए इतना बोला करती हो
दिल है कोमल मन है चंचल क्या इस लिए इतना हँसा करती हो
हैं तुम्हारे चाहने वाले कई क्या मुझ पे भी असर किया करती हो
हसने में मिलावट नहीं
दोस्ती में मंवाहत नहीं
बोलने में रुकावट नहीं
जिंदगी में परवाहट नहीं
दिल में कर्वाहट नहीं
मिलने में रमाहट नहीं
चेहरे पर संकुचाहट नहीं
मन में झिन्झ्लाहत नहीं
ऐसी सकशियत को कैसे जिया करती हो
क्या जिंदगी का पूरा मज़ा लिया करती हो
जब हो हँसती समय है रुक जाता दुनिया है ठहर जाती
सिर्फ तुम हीं तुम हो मुझे नज़र आती
जब हो हँसती तो सोचता हूँ कुछ भी केर तुम्हे हँसाता रहूँ
दुनिया को भूल तुम्हे हसंते देख समय बिताता रहूँ
चाहता हूँ बैठा रहूँ तुम्हारे साथ देखता रहूँ तुम्हे हँसते
चाहे हो दिन या हो रात
अगर हो कभी तुम दुखी या हो कभी उदास याद करना हमें
पाओगी हमेशा अपने पास
चन्दन श्री